लाइब्रेरियन का काम आज किताबों को व्यवस्थित करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक हाईटेक काम में तब्दील हो गया है। इसका दायरा भी काफी विस्तृत हो गया है और इसमें करियर की संभावनाएं भी काफी बढ़ गई हैं। आप भी इस क्षेत्र में करियर बना सकते हैं। बता रहे हैं शैलेन्द्र नेगी
लाइब्रेरी यानी किताबों से प्यार करने वालों का खास अड्डा। इस लाइब्रेरी के रखरखाव की जिम्मेदारी होती है लाइब्रेरियन की। आज लाइब्रेरी की किताबें बुक शेल्फ से निकल कर कम्प्यूटर के माध्यम से डिजिटल हो गई हैं और इंटरनेट और मोबाइल ने इसे और भी आसान बना दिया है। अब लाइब्रेरियन का काम केवल किताबों को इधर से उधर रखने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हाईटेक काम में तब्दील हो चुका है। लाइब्रेरियन का काम पढ़ने योग्य सामग्री को संगठित करना, उसे डिजिटल लुक देना, सामग्री को प्रभावी ढंग से प्रयोग करने में सहायता करना और पाठक को सही समय पर सही सूचना प्रदान करना है। लाइब्रेरी अब केवल किताबों के रखने और पढ़ने की जगह भर नहीं रह गई है, बल्कि नॉलेज सेंटर में तब्दील हो चुकी है। आप भी इस नॉलेज सेंटर के कर्ता-धर्ता बन सकते हैं।
कौन होता है लाइब्रेरियन
लाइब्रेरी एक साइंस बन चुकी है। इस साइंस के तीन तरह के काम हैं- पाठकों को सामान्य सेवाएं देना (जैसे-पुस्तकों का आदान-प्रदान), तकनीकी कार्य (किताबों की एंट्री, सूची बनाना या इंडेक्सिंग) तथा प्रशासनिक काम (सुविधाएं बढ़ाने या लाइब्रेरी से संबंधित कामकाज को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क रखना और पुस्तकों की खरीदारी आदि।
लाइब्रेरियन के काम
जानकारी का विश्लेषण करना तथा यह सुनिश्चित करना कि पाठक को सही समय पर सही किताबें मिल जाएं। रिकॉर्डस तैयार करना। नई किताबों पर नजर रखना और पाठकों के लिए उन्हें उपलब्ध कराना। साथ ही यह भी सुनिश्चित करवाना कि लाइब्रेरी में किताबें वापस भी आएं। लाइब्रेरी के अन्दर बेहतर माहौल तैयार करना। ये वे काम हैं, जिन्हें एक अच्छा लाइब्रेरियन आसानी से कर सकता है।
किस तरह के पद
एक व्यवसाय के रूप में लाइब्रेरियनशिप रोजगार के अनेक अवसर प्रदान करती है। आकार के अनुसार किसी लाइब्रेरी में विभिन्न तरह के लोग होते हैं। सबसे बड़ा पद लाइब्रेरियन या पुस्तकालय प्रबंधक का होता है। यह पद प्रोफेसर पद के समतुल्य है। इसके बाद डिप्टी लाइब्रेरियन (रीडर पद के समकक्ष), असिस्टेंट लाइब्रेरियन (लेक्चरर पद के समतुल्य), लाइब्रेरी असिस्टेंट या टेक्निकल असिस्टेंट आदि के पद होते हैं। ये सभी लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन साइंस में प्रशिक्षित होते हैं।
इस क्षेत्र में आज करियर की अनेक संभावनाएं हैं। पुस्तकालयों तथा सूचना केन्द्रों में रोजगार दिया जाता है। प्रशिक्षित व्यक्ति पुस्तकालय एवं सूचना अधिकारी, ज्ञान प्रबंधक/अधिकारी सूचना कार्यपालक, निदेशक/सूचना सेवा अध्यक्ष, प्रलेखन अधिकारी, सहायक लाइब्रेरियन, उप लाइब्रेरियन, वैज्ञानिक सूचना अधिकारी तथा सूचना विश्लेषक हो सकते हैं।
संभावनाएं
स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, निजी शैक्षिक संस्थानों में तो लाइब्रेरी होती ही है, इसके अलावा सरकारी और निजी संस्थानों में भी लाइब्रेरी के साथ-साथ सन्दर्भ विभाग या रेफरेंस डिपार्टमेंट होता है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रसार ने भी रेफरेंस विभाग को बढ़ावा दिया है।
नेशनल नॉलेज कमीशन द्वारा 2015 तक करीब 1500 विश्वविद्यालय खोलने की सिफारिश से आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में लाइब्रेरी खुलेंगी। कॉरपोरेट कंपनियां भी अपने यहां लाइब्रेरी को प्रमोट कर रही हैं और स्टाफ को आकर्षक सैलरी ऑफर कर रही हैं। अब अधिकतर लाइब्रेरीज खुद को वीडियो लाइब्रेरी, कैसेट-सीडी लाइब्रेरी, कम्प्यूटर लाइब्रेरी, साइबर लाइब्रेरी, इंटरनेट लाइब्रेरी, फोटो लाइब्रेरी, सॉन्ग लाइब्रेरी (रेडियो स्टेशन या एफएम चैनल्स में), स्लाइड लाइब्रेरी के रूप में बदल रही हैं। इसके लिए ट्रेंड प्रोफेशनल्स की जरूरत है।
विषय आधारित लाइब्रेरी
आजकल हर तरह की किताबों के लिए सब्जेक्ट स्पेसिफिक लाइब्रेरी खोलने का चलन बढ़ रहा है। यहां तक कि परम्परागत किताबों को भी डिजिटल किया जा रहा है। मोबाइल और कंप्यूटर का चलन बढ़ रहा है, इसलिए प्रकाशक अपनी किताबों को डिजिटल बनाने में जुटे हुए हैं। आजकल ऑनलाइन लाइब्रेरी का चलन चल पड़ा है।
एकेडमिक लाइब्रेरी: इस तरह की लाइब्रेरी शैक्षणिक संस्थानों में होती है।
डिजिटल लाइब्रेरी: इस तरह की लाइब्रेरी फिल्मों के लिए इस्तेमाल होती है।
लर्निग रिसोर्स सेंटर: आजकल कई तरह के रिसोर्स सेंटर खोले जा रहे हैं, जिनमें सरकारी और निजी, दोनों क्षेत्र शामिल हैं।
ऑनलाइन लाइब्रेरी: इस तरह की लाइब्रेरी इंटरनेट पर उपलब्ध रहती है, जहां पैसा देकर और मुफ्त, दोनों ही तरह से किताबें पढ़ी जा सकती हैं।
रोजगार के क्षेत्रलाइब्रेरी साइंस अपने आप में एक बड़ा क्षेत्र है। देश में सभी विश्वविद्यालयों में इससे संबंधित कोर्स चलाए जा रहे हैं। इस क्षेत्र में आने वाले समय में रोजगार की संभावनाएं और ज्यादा बढाने की उम्मीद है। भविष्य में देश में कई नए देसी और विदेशी विश्वविद्यालय खुलने वाले हैं। ऐसे में रोजगार के अवसर और ज्यादा प्रबल होंगे।
रोजगार देने वाले संस्थानों में प्रमुख हैं विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनेस्को, संयुक्त राष्ट्र संघ, विश्व बैंक जैसे अंतर्राष्ट्रीय केन्द्र, मंत्रालय तथा अन्य सरकारी विभागों के पुस्तकालय, राष्ट्रीय स्तर के प्रलेखन केंद्र, पुस्तकालय नेटवर्क, समाचार पत्रों के पुस्तकालय, न्यूज चैनल्स, रेडियो स्टेशन के पुस्तकालय, स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, केन्द्रीय सरकारी पुस्तकालय, बैंकों के प्रशिक्षण केन्द्र, राष्ट्रीय संग्रहालय तथा अभिलेखागार, विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत गैर-सरकारी संगठन, आईसीएआर, सीएसआईआऱ, डीआरडीओ, आईसीएसएसआर, आईसीएचआर, आईसीएमआर, आईसीएफआरई जैसे अनुसंधान तथा विकास केंद्र, विदेशी दूतावास तथा उच्चायोगों में, सूचना प्रदाता संस्थाओं में इंडेक्स, डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया आदि में रोजगार की प्रबल संभावनाएं हैं।
वेतन
लाइब्रेरी असिस्टेंट या टेक्निकल असिस्टेंट की शुरुआती सैलरी दस से पंद्रह हजार रुपये प्रतिमाह होती है। विश्वविद्यालयों या शैक्षणिक संस्थानों में असिस्टेंट लाइब्रेरियन के रूप में नियुक्ति होने पर और अच्छा वेतन मिलता है।
विशेष गुण
जो छात्र इस क्षेत्र से जुड़ना चाहते हैं, उनके अन्दर कुछ गुणों का होना आवश्यक है-
पढ़ने में रुचि
मैनेजमेंट के गुण
टीम प्रबंधन के गुण
तकनीक का ज्ञान
नई चीजों के बारे में जानने के लिए उत्सुकता
योजनाएं बनाने की क्षमता।
संस्थान
देश के लगभग 80 विश्वविद्यालय लाइब्रेरी साइंस से संबंधित कोर्स चलाते हैं। यह कोर्स आप रेगुलर और डिस्टेंस, दोनों तरह से कर सकते हैं-
उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी, हल्द्वानी
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़
इलाहाबाद विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी
बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी
डॉं भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, आगरा
जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली
पटना विश्वविद्यालय, पटना
दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली
कई स्तर के कोर्स
बारहवीं पास करने के बाद
पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में प्रमाणपत्र पाठय़क्रम (सीएलआईएससी या सीलिब)
पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में डिप्लोमा पाठय़क्रम (डीएलआईएससी या डीलिब)
ग्रेजुएशन के बाद
पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में स्नातक (बीएलआईएससी या बीलिब)
मास्टर डिग्री के लिए
पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में मास्टर (एमएलआईएससी या एमलिब) के लिए किसी मान्यताप्राप्त विश्वविद्यालय से बीएलआईएससी अथवा बीलिब
एमफिल या पीएचडी के लिए
पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में एमफिल के लिए किसी मान्यताप्राप्त विश्वविद्यालय से एमएलआईएससी अथवा एमलिब, जबकि पीएचडी के लिए किसी मान्यताप्राप्त विश्वविद्यालय से एमएलआईएससी।
सर्टिफिकेट या डिप्लोमा कोर्स के लिए योग्यता
बैचलर ऑफ लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन साइंस (बीलिब) कोर्स करने के लिए किसी मान्यताप्राप्त संस्थान या विश्वविद्यालय से स्नातक होना जरूरी है, जबकि सर्टिफिकेट या डिप्लोमा कोर्स करने के लिए बारहवीं पास होना आवश्यक है।
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